Meaning : (योगशास्त्र)शरीरातील मणिपूर चक्राच्या ठिकाणी सर्पाच्या आकृतीरूपाने राहणारी प्राणरूप शक्ती.
Example :
कुंडलिनीस जागृत करणे अत्यंत कठीण असते.
Translation in other languages :
शरीर में मूल शक्ति का सूक्ष्म अंग जो कुंडल के आकार में मूलाधार में सुषुम्ना नाड़ी के नीचे माना गया है।
ऐसा माना जाता है कि कुंडलनी की शक्ति कुंडल पिंडों और ब्रह्मांड दोनों का आधार होती है।