प्रयाग (संज्ञा)
भारत का एक प्रसिद्ध तीर्थ जो उत्तर प्रदेश राज्य में है।
जुड़वा (संज्ञा)
एक जैसे उन जुड़वे बच्चों में से एक जिनके शरीर का कोई अंग जन्म से ही जुड़ा होता है।
फव्वारा (संज्ञा)
वह मानवकृति जिसमें से ऊपरी दबाव के कारण जल की पतली धार या छींटे जोर से निकलकर चारों ओर गिरते हैं।
कंदील (संज्ञा)
मिट्टी, अबरक, काग़ज़ आदि की बनी हुई वह लालटेन जिसका मुँह ऊपर की ओर होता है।
गोलाकार (विशेषण)
वृत्त या चक्र के आकार का।
कपीन्द्र (संज्ञा)
पवन के पुत्र जो बहुत ही बलशाली और अमर माने जाते हैं।
तरफदारी (संज्ञा)
औचित्य या न्याय का विचार छोड़कर किसी एक पक्ष के अनुरूप होने वाली प्रवृत्ति या सहानुभूति और उस पक्ष को समर्थन देने की क्रिया या भाव।
करतार (संज्ञा)
धर्मग्रंथों द्वारा मान्य वह सर्वोच्च सत्ता जिसे सृष्टि का स्वामी माना जाता है।
घुमंतू (संज्ञा)
वे लोग जिनका कोई स्थायी निवास नहीं होता और जिसके कारण वे हमेशा एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते रहते हैं।
आंजनेय (संज्ञा)
पवन के पुत्र जो बहुत ही बलशाली और अमर माने जाते हैं।