अर्थ : यदुवंशी वसुदेव के पुत्र जो विष्णु के मुख्य अवतारों में से एक हैं।
उदाहरण :
सूरदास कृष्ण के परम भक्त थे।
पर्यायवाची : अच्युत, अनंत-जित्, अनंतजित्, अनन्त-जित्, अनन्तजित्, अरिकेशी, अहिजित, कंसारि, कन्हैया, कमलनयन, कान्हा, कामपाल, कालियमर्दन, किशन, कुंजबिहारी, कृष्ण, कृष्णचंद्र, केशव, खरारि, खरारी, गरुड़गामी, गिरधर, गिरधारी, गिरिधर, गिरिधारी, गुपाल, गोपाल, गोपीश, गोपेश, गोविंद, गोविंदा, गोविन्द, गोविन्दा, घनश्याम, तुंगीश, दामोदर, द्वारकाधीश, द्वारकानाथ, द्वारकेश, द्वारिकाधीश, द्वारिकानाथ, नंदकिशोर, नंदकुँवर, नंदकुमार, नंदनंदन, नंदलाल, नटराज, नन्दकिशोर, नन्दकुँवर, नन्दकुमार, नन्दनन्दन, नन्दलाल, नरनारायण, नवलकिशोर, पीतवास, पूतनारि, पूतनासूदन, बकवैरी, बनवारी, बलबीर, ब्रजबिहारी, मंजुकेशी, मधुसूदन, मनमोहन, माधव, मुकुन्द, मुरली मोहन, मुरलीधर, मुरलीवाला, मुरारी, मोहन, यवनारि, यादवेंद्र, यादवेन्द्र, योगीश, योगीश्वर, योगेश, योगेश्वर, राधारमण, रासबिहारी, वंशीधर, वंशीधारी, वनमाली, वासुदेव, विट्ठलदेव, विपिन विहारी, विश्वपति, वृषदर्भ, वृषनाशन, वृष्णि, वृष्णिक-गर्भ, वेदबाहु, वेदाध्यक्ष, शकटहा, शकटारि, शतानंद, शतानन्द, शवकृत, शिखंडी, शिखण्डी, श्याम, श्रीकृष्ण, सोमेश, सोमेश्वर, हरि, हृषीकेश
अर्थ : एक सफेद, बहुत वजनी और चमकीली धातु जो साधारणतः द्रव रूप में रहती है।
उदाहरण :
पारा ही एक ऐसी धातु है जो द्रव अवस्था में पायी जाती है।
पर्यायवाची : अमर, अवित्यज, अशोक, जैत्र, दिव्यरस, पर्वतोद्भव, पारत, पारद, पारा, महातेज, महारस, मुकुन्द, मृत्युनाशक, रसधातु, रसनाथ, रसनायक, रसपति, रुद्ररेता, रेत, रेतस्, शंकरशुक्र, शंभुतेज, शम्भुतेज, शिववीय, सर्व, सिंधुज, सिद्धधातु, सिन्धुज, स्कंदशक, स्कन्दशक
अर्थ : एक प्रकार की लता से प्राप्त परवल के आकार का फल जिसकी सब्जी बनाई जाती है।
उदाहरण :
शीला कुंदरू की सब्जी बना रही है।
पर्यायवाची : कंदूरी, कन्दूरी, कुँदरु, कुँदरू, कुंदरू, तुंडकेरी, तुंडि, तुंडिका, तुंडिकेशी, तुण्डकेरी, तुण्डि, तुण्डिका, तुण्डिकेशी, बिंबा, बिंबाफल, मधुरबिंबी, मधुरबिम्बी, मुकंद, मुकन्द, मुकुन्द, रक्तफला, शिखरी, शिखिकुंद, शिखिकुन्द
अर्थ : एक बरसाती लता जिसकी पत्तियाँ साग और पकौड़ी बनाने के काम में आती हैं।
उदाहरण :
माँ आज पोई की पत्तियों की पकौड़ी बना रही है।
पर्यायवाची : पूतिका, पूतीका, पूथिका, पोई, मुकुन्द, विशाला, वृश्चिकपत्रिका, वृश्चिकप्रिया, वृश्चिपत्रिका
अर्थ : एक बड़ा पेड़ जिसकी लकड़ी बहुत मजबूत होती है और पत्ते पीपल के पत्तों के समान होते हैं।
उदाहरण :
गम्भारी की लकड़ी का बना ढोल बहुत ही उत्तम होता है।
पर्यायवाची : काश्मरी, गंभारी, गम्भारी, द्वितीयत्रिफला, भद्रा, मधुरसा, मुकुन्द, सिंधुपर्णी, सिंधुवेषण, सिधुपर्णी, सिन्धुपर्णी, सिन्धुवेषण