अर्थ : द्विजातियों के लिए विहित संस्कार करने की क्रिया।
उदाहरण :
पंडित जी अभी संस्करण में लगे हैं।
अर्थ : मन, रुचि, आचार-विचार आदि को परिष्कृत तथा उन्नत करने का कार्य।
उदाहरण :
बुराइयों को दूर करने के लिए संस्कार आवश्यक है।
पर्यायवाची : संस्कार