विस्तार (संज्ञा)
लंबाई, चौड़ाई आदि।
जामवंत (संज्ञा)
सुग्रीव के मंत्री।
सीमा (संज्ञा)
किसी प्रदेश या स्थान के चारों ओर के विस्तार का अंतिम स्थान या रेखा।
परखना (क्रिया)
किसी वस्तु, व्यक्ति आदि के गुण, दोष को जाँचना कि यह अमुक काम के योग्य है कि नहीं।
जाँचना (क्रिया)
योग्यता, विशेषता, सामर्थ्य, गुण आदि जानने के लिए शोध संबंधी कार्य करना या कुछ विशेष काम करना।
प्रतिध्वनि (संज्ञा)
वह ध्वनि या शब्द जो अपनी उत्पत्ति के स्थान से चलकर कहीं टकराता हुआ लौटे और फिर वहीं सुनाई पड़े।
गमछा (संज्ञा)
एक आयताकार मोटा वस्त्र जो शरीर आदि पोछने के काम में आता है।
पंजीरी (संज्ञा)
आटे को घी के साथ आँच पर भूनकर तथा उसमें पिसा धनिया, सोंठ, चीनी यथा जीरा आदि मिलाकर तैयार की गई स्वास्थ्यवर्धक खाद्य वस्तु। इसका प्रयोग नैवेद्य के लिए भी किया जाता है।
उपस्थित (विशेषण)
जो किसी विशेष समय में किसी स्थान विशेष पर हो।
रसोइया (संज्ञा)
दूसरे के यहाँ रसोई बनाने वाला व्यक्ति।