अर्थ : योग के पाँच प्रणिधानों में से एक जिसे प्रगाढ़ समाधि योग भी कहते हैं।
उदाहरण :
ईश्वरप्रणिधान में मनुष्य ईश्वर पर संपूर्ण श्रद्धा के साथ स्वयं को उसके चरणों में अर्पित कर देता है।
पर्यायवाची : ईश्वर प्रणिधान, ईश्वर-प्रणिधान