अर्थ : जिसका कार्य क्षेत्र सीमित हो।
उदाहरण :
पिताजी अव्याप्य कर्मचारी हैं।
अर्थ : जो पूरे विस्तार पर छाया हुआ न हो या जो सब परिस्थियों या स्थितियों में समान रूप से फैला हुआ न हो।
उदाहरण :
वह अपने अव्याप्य मन की पीड़ा किसी से नहीं कह सकता।