अर्थ : धर्म-ग्रंथों में मान्य वे दुष्ट आत्माएँ जो धर्म विरोधी कार्य करती हैं तथा देवताओं, ऋषियों आदि की शत्रु हैं।
उदाहरण :
पुरातन काल में राक्षसों के डर से धर्म कार्य करना मुश्किल होता था।
पर्यायवाची : अनुशर, अपदेवता, अविबुध, अशिर, अश्रय, असुर, आकाशचारी, आशर, आसर, आस्रप, कर्बर, कर्बुर, कीलालप, कैकस, जातुधान, तमचर, तमाचारी, तमीचर, तरंत, तरन्त, त्रिदशारि, दतिसुत, दानव, देवारि, दैत, दैत्य, ध्वांतचर, ध्वान्तचर, नरांश, निशाचर, निशाविहार, निशिचर, निषकपुत्र, नृमर, नैऋत, नैकषेय, नैरृत, पलंकष, पलाद, पलादन, यातुधान, रक्तग्रीव, रक्तप, रजनीचर, राक्षस, रात्रिबल, रात्रिमट, रेरिहान, रैनचर, लंबकर्ण, लम्बकर्ण, सुरद्विष, ह्रस्वकर्ण
अर्थ : स्वर्ग आदि में रहने वाले वे अमर प्राणी जो पूज्य माने जाते हैं।
उदाहरण :
इस मंदिर में कई देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित हैं।
पर्यायवाची : अंबरौका, अदित, अनलमुख, अमर, अमृततप, अमृतबंधु, अमृतबन्धु, अमृताशन, असुरारि, आकाशचारी, आदितेय, आदित्य, ऋभु, गीर्वाण, त्रिदश, त्रिदिवेश, त्रिदिवौकस, दनुजारि, दिवौका, देव, देवक, देवता, दैत्यारि, दैवत, द्युनिवास, द्युनिवासी, नभश्चर, भट्टारक, भूतकृत, मधुप, विवुध, विश्वप्स, वृंदारक, सुचिरायु, सुर