पंजीरी (संज्ञा)
आटे को घी के साथ आँच पर भूनकर तथा उसमें पिसा धनिया, सोंठ, चीनी यथा जीरा आदि मिलाकर तैयार की गई स्वास्थ्यवर्धक खाद्य वस्तु। इसका प्रयोग नैवेद्य के लिए भी किया जाता है।
सूर्य-किरण (संज्ञा)
सूर्य की किरण।
विपुलता (संज्ञा)
अत्यधिक होने की अवस्था या भाव।
जाँचना (क्रिया)
योग्यता, विशेषता, सामर्थ्य, गुण आदि जानने के लिए शोध संबंधी कार्य करना या कुछ विशेष काम करना।
रसोइया (संज्ञा)
दूसरे के यहाँ रसोई बनाने वाला व्यक्ति।
पनाला (संज्ञा)
वह बड़ी नाली जिससे वर्षा का पानी या मैला पानी आदि बहता है।
चरित्रहीन (संज्ञा)
वह व्यक्ति जिसका चरित्र बुरा या निंदनीय हो।
जामवंत (संज्ञा)
सुग्रीव के मंत्री।
विस्तार (संज्ञा)
लंबाई, चौड़ाई आदि।
गमछा (संज्ञा)
एक आयताकार मोटा वस्त्र जो शरीर आदि पोछने के काम में आता है।